शुक्रवार, 9 अगस्त 2024

DC. Circuit



 

1. विद्युत धारा 

✓ किसी भी पदार्थ में आवेश के प्रवाह होने पर विद् युत धारा बहती है। पदार्थ के सिरों पर बाह्य विद्युत बल प्रयुक्त क रने पर आयन गति करते हैं जिसके कारण विद्युत धारा का प्रवाह होता है। पदार्थ में किसी भी स्थान पर प्रति सेकण्ड प्रवा हित आवेश (q) उस स्थान पर बहने वाली धारा का माप है। धारा का मात्रक एम्पीयर

 2.= विद्युत विभव 

किसी इकाई धनावेश को अनन्त से किसी बिन्दु तक ला ने में किया गया कार्य उस बिन्दु पर विद्युत विभव कहलाता है। विद्युत विभव की इकाई वोल्ट (Voltios) है।

 3.=प्रतिरोध 

 प्रतिरोध पदार्थ का वह गुण जो पदार्थ में धारा प्रवाह का व िरोध करता है, प्रतिरोध (R) कहलाता है। ठोस पदार्थों में प्रतिरोध का मान निम्न सूत्र द ्वारा नियन्त्रित होता है। R=p-2 यहाँ p – पदार्थ की प्रतिरोधकता (Resistividad) 1 - पदार्थ की लम ्बाई a पदार्थ का अनुप्रस्थ काट क्षेत्र चाँदी, ताँबा, एल्यूमिनियम, स्वर्ण इत्यादि यें विद्युत के अच्छे चालक हैं। इनकी प्रतिरोधकता कम होती है। टंगस्टन, यूरेका, मेगनिन पदार्थ की प्रतिरोधकता अधिक होने के कारण ये पदार्थ प्रतिरोधी पदार्थों की भाँति प्रयोग किये जाते हैं। द्रव पदार्थों में अम्ल तथा लवणों के विलयन इत्य ादि में धारा का प्रवाह सुगमता से होता है।

 4.= ओह्म का नियम (Ley de Ohm)

 V = IR यहाँ वोल्ट में । एम्पीयर में तथा R ओह्म में है।

 5.=शक्ति एवंऊर्जा (Poder y energía)

किसी कार्य को करने की क्षमता को ऊर्जा (energía) तथा कार ्य करने की दर को शक्ति (poder) कहते हैं। यदि । सेकण्ड में किया गया कार्य W हो तब शक्ति W जूल/सेकण ्ड t या वाट यदि किसी चालक में विभवान्तर पर सेकण्ड के लिये धारा 1 प्रवाहित हो तब कार्य = VII जूल अतः शक्ति P = = VI Watt अथवा P=PR= R विद्युत ऊर्जा KWh (किलोवाट घण्टा) अथवा यूनिट में प्रदर्शित की जाती है। 1 KWh = 1000 Watt x 1 Hora = 1 Unidad

DC. Circuit

  1. विद्युत धारा  ✓ किसी भी पदार्थ में आवेश के प्रवाह होने पर विद् युत धारा बहती है। पदार्थ के सिरों पर बाह्य विद्युत बल प्रयुक...